AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में नीतीश सरकार का समर्थन करने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वो सरकार का सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके साथ ही ओवैसी ने उनके सामने एक शर्त भी रखी। वो ये है कि सीमांचल को उसका हक दिया जाए।
बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पांच सीटों पर जीत हासिल की है और ये सभी सीमांचल क्षेत्र से ही आती हैं। ऐसे में अब ओवैसी ने सीमांचल के हक में आवाज उठाना शुरू कर दिया है।
‘नीतीश कुमार को समर्थन देने को तैयार, लेकिन…’
चुनाव नतीजों के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी मौर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पांच सीटों पर जीत के बाद सीमांचल क्षेत्र के लोगों का आभार व्यक्त किया। ओवैसी ने कहा, “हम नीतीश कुमार की सरकार का समर्थन देने को तैयार हैं, बशर्ते आप सीमांचल की जनता से न्याय करें। कब तक आखिर हर काम पटना और राजगीर तक तरफ होगा।
उन्होंने कहा कि सीमांचल आज भी नदी कटाव, भारी पलायन और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। इन मुद्दों पर सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। सीमांचल दशकों से उपेक्षा का शिकार होता आ रहा है, लेकिन अब हालात सुधरने चाहिए।
ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया कि वो अपने चुने विधायकों के कामों पर नजर रखेंगे। उन्होंने कहा है कि हमारे पांचों विधायक हफ्ते में दो दिन अपने ऑफिस में बैठेंगे और साथ ही अपनी लाइव लोकेशन भी साझा करेंगे। वो हर 6 महीने में इन इलाकों का दौरा करेंगे।
सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर जीती AIMIM
बिहार के पूर्वोत्तर में स्थित सीमांचल राज्य का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है, जहां मुसलमानों की आबादी काफी ज्यादा है। इन इलाकों से बहने वाली कोसी नदी में आने वाली बाढ़ इन इलाकों को प्रभावित करती है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों पर गौर करें तो सीमांचल की 24 सीटों में से 14 सीटें एनडीए ने जीत दर्ज की है। यहां ओवैसी की पार्टी AIMIM की भी अच्छी पकड़ देने को मिली, जिसने 5 सीटें जीती हैं। 2020 में भी AIMIM पांच सीटें ही जीती थी। हालांकि AIMIM के उन 5 में से 4 विधायक बाद में RJD में शामिल हो गए थे।

