वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2023 को मोदी सराकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर दिया। इस बार के बजट में बड़े ऐलान की बात करें तो न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि पुराने टैक्स कर प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आइए जानते हैं कि वित्त मंत्री ने किन-किन सेक्टर्स पर फोकस किया है। 1- किन्हें मिली सौगत?
एग्रीकल्चर सेक्टर
मोदी सरकार केंद्र में किसान हमेशा रहे हैं। इस बजट से पहले पीएम किसान सम्मान निधि जैसी कई स्कीम किसानों का ध्यान रखकर मोदी सरकार ने लॉन्च किया है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट में सरकार एग्रीकल्चर खर्च में इजाफा किया है। जोकि पूरी इकोनॉमी का 19 प्रतिशत होगा। सर हॉर्टीकल्चर, एग्रीकल्चर स्टार्टअप आदि को बढ़ावा देने के लिए खूब धन वर्षा इस सेक्टर पर की है। सरकार के ऐलान का फायदा कावेरी सीड्स, धानुका एग्रीटेक, बॉम्बे सुपर हाईब्रिज सीड्स और राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टीलाइर्स लिमिटेड जैसी शेयर मार्केट की लिस्टेड कंपनियों को हो सकता है।
टूरिज्म
भारत मे टूरिज्म की भी अपार संभावनाएं हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 50 डोमेस्टिक टूरिज्म क्षेत्रों की पहचान करके उन्हें प्रमोट करने का ऐलान किया है। इसके अलावा एक ऐप बनाया जाएगा जहां से टूरिस्ट को खाना, सिक्योरिटी, कनेक्टिविटी आदि की जानकारी मिल सकेगी। इस ऐलान का लाभ IRCTC, थॉमस कूक इंडिया, इंडियन होटल्स और ईआईएच लिमिटेड को हो सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर
मौजूदा सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष फोकस है। इसी को ध्यान में रखते हुए 50 नए एयरपोर्ट्स, हेलीपोर्ट्स बनाने का ऐलान किया है। इसके अलावा को 2.4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन इस बजट में किया गया है। अडानी एयरपोर्ट्स, जीएमआर एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, जीवीके एयरपोर्ट डेवलपर्स लिमिटेडड, एल एंड टी और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड को हो सकता है।करदाताओं को राहत
सरकार ने लम्बे समय बाद टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है। नई कर प्रणाली अपनाने वाले लोगों की 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा टैक्स स्लैब की संख्या में भी कटौती की गई है। करदाताओं को राहत
सरकार ने लम्बे समय बाद टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है। नई कर प्रणाली अपनाने वाले लोगों की 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा टैक्स स्लैब की संख्या में भी कटौती की गई है। मेटल और सीमेंट
सरकार ने इंफ्ररास्ट्रक्चर के लिए बजट में बड़ी राशि आवंटित की है। जोकि मेटल और सीमेंट इंडस्ट्री के लिए अच्छा रहेगा। सरकार के इस ऐलान का फायदा टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड जैसी कंपनियों को हो सकता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स
सरकार ने लिथियम ऑयल बैट्री पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी में कटौती का ऐलान किया है। जिसका फायदा इस सेक्टर को सीधा होगा।
ग्रीन एनर्जी
सरकार कार्बन उत्सर्जन में कटौती की अपनी मंशा को पहले ही जाहिर कर दिया था। बजट में भी उसी के अनुरुप ऐलान किया गया है। सरकार 4000 मेगा वाट के बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम बनाने वाले कंपनियों का आर्थिक सहयोग करेगी।
2- किस-किस सेक्टर के हाथ रहे खाली?
डीफेंस सेक्टर केएमपीजी में एयरोस्पेस हेड गौरव कहते हैं कि देश के पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत का इजाफा है लेकिन मिलिट्री बजट में 7 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी की गई है। गौरव कहते हैं कि चीन से बढ़ते तनावों के बीच यह काफी आश्चर्यजनक है। सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और Mazagon Dock Shipbuilders Ltd पर बुरा असर पड़ा है। दोनों कंपनियां 1 फरवरी को 6 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गई।
सिगरेट हुआ महंगा
सरकार ने सिगरेट पर टैक्स बढ़ा दिया है। जिसकी वजह से इसे बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में बजट के दिन के गिरावट देखने को मिली है। बता दें, सरकार का ऐलान 2 फरवरी से प्रभावी होगा।
ज्वेलरी
ज्वेलरी कंपनियों के शेयरों में भी बजट के बाद गिरावट देखने को मिली है। इसकी बड़ी पहली सरकार ने गोल्ड के इम्पोर्ट टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके अलावा सरकार की तरफ से चांदी के आयात पर इम्पोर्ट टैक्स बढ़ा दिया गया है।
ऑयल रिफाइनरी
सरकार की तरफ से ऑयल रिफाइनरी कंपनियों के लिए भी कोई ऐलान नहीं किया गया है। जबकि ऑयल मिनिस्ट्री ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि सरकार इन कंपनियों के घाटे को बजट से पूरा करे।
विदेशी कार निर्माता
विदेशों मे मंगाई जाने वाली ऑटोमोबाइल्स जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल भी शामिल है, उन पर अब अधिक टैक्स देना होगा। सरकार ने 40,000 डॉलर से अधिक के कार और ईवी के इंम्पोर्ट टैक्स को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है।