लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की रंग में पूरा बिहार भक्तिमय हो गया है. महापर्व की आस्था ऐसी है कि जाति और मजहब की दीवार आड़े नहीं आती. बिहार के गोपालगंज में बड़ी संख्या में मुस्लिम परिवार भी पूरी आस्था और शिद्दत के साथ छट व्रत कर रही हैं. मुस्लिम परिवार की महिलाएं छठ गीत गाकर आराधना में जुटी हैं. इन महिलाओं का मानना है कि व्रत करने से संतान की प्राप्ति हुई है.
परिवार और बच्चों की खुशहाली के लिए संग्रामपुर रायमल कॉलोनी की महिलाएं वर्षों से छठ पूजा करती आ रही है. आज खरना है. प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी और कल छठ घाट पर छठी मैया की आराधना कर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगीं.
छठी मइया से मांगी बेटे की मन्नत, तब से शुरू किया छठ व्रत
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के ससुराल यानि पूर्व मुख्यमंत्री के मायके के चूरामनचक पंचायत के संग्रामपुर रायमल कॉलोनी गांव की मुस्लिम महिलाएं बीते 20 सालों से छठ पर्व मना रही हैं. संग्रामपुर रायमल कॉलोनी गांव के गुड़िया खातून, फूलबीवी नेशा, सबरा खातून, हसीना खातून, सैमुन नेशा, शबनम खातून, संतरा खातून और नूरजहां खातून की घरों के आंगन में किलकारियां गूंजी है, जिससे ये छठव्रती बनी हुई हैं.
मुस्लिम महिलाएं 20 साल से रख रहीं छठ व्रत.
महिलाओं का यह है कहना
गुड़िया खातून कहती हैं कि 15-16 सालों से छठ व्रत कर रही हूं. हमारी सभी मन्नत पूरी हुई हैं. सरिता नाम की महिला का कहना है कि वह तीन से छठ पूजा कर रही है. छठी मईया से बेटा होने की मन्नत मांगी थी, जो पूरी हो गई है. साथ ही लाली नाम की महिला का कहना है कि वह जब संग्रामपुर आई तो उसी समय से छठव्रत कर रही है. 30 साल से लगातार यह क्रम जारी है. कई मुस्लिम परिवार की महिलाएं इस व्रत को करती हैं.
सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
बता दें कि. लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत शुक्रवार को नहाय खाय के साथ शुरुआत हो चुकी है. शनिवार को खरना हुआ. रविवार को अस्ताचलगामी और सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.