कोडरमा के मडुआटांड दुर्गमण्डल निवासी कुणाल अम्बष्टा कोडरमा समेत पूरे झारखंड में एक बड़ा काम कर दिखाया है। जिसका नाम न ही आज सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश कर रहा है। कुणाल ने 2017 में कम्पलीट होम ऑटोमोशन सिस्टम बनाया था। जिसको लेकर बुधवार को इग्नू के उपकुलपति उमा कांजीलाल ने कुणाल को सम्मानित किया। कुणाल के द्वारा बनाये गए इस होम ऑटोमोशन सिस्टम के जरिये बिना इंटरनेट के घर में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी इलेक्ट्रानिक उपकरण को सिर्फ आवाज से संचालित किया जा सकता है।
बुधवार को कुणाल को किया गया सम्मानित
इग्नू द्वारा आयोजित स्टूडेंट इनोवेशन अवार्ड के लिए 92 प्रतिभागी शामिल हुए थे। इनमें से अंतिम पांच प्रतिभागियों को उनके आविष्कार के लिए सम्मानित किया गया। कोरोना प्रोटोकोल के कारण यह सम्मान समारोह आनलाइन हुआ। सम्मान स्वरूप मिले प्रमाण पत्र, ट्राफी और नकद राशि कुणाल को पोस्ट के जरिये भेजा जाएगा।
फिलहाल कुणाल ग्रिजली स्कूल में बतौर शिक्षक सेवा दे रहे हैं। उनका मानना है कि इस सम्मान के बाद उनके आविष्कार को नई पहचान मिली है। इससे पहले भी कुणाल को इस आविष्कार के लिए सम्मानित किया गया है। वह इग्नू से पीजी की पढ़ाई भी कर रहे हैं।
2017 में सड़क दुर्घटना में पिता के घायल होने पर बनाया सिस्टम
2017 कुणाल के पिता कौशलेश कुमार अंबष्टा सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। उन्हें कुछ माह बेड रेस्ट की सलाह चिकित्सकों ने दी थी। इस दौरान हर कार्य के लिए उन्हें आवाज लगानी पड़ती थी। इस पर कुणाल ने ऐसी डिवाइस बनाई जो सिर्फ आवाज से संचालित होती है। इसके जरिये आवाज लगाकर घर में इस्तेमाल किए जाने वाले इलेक्ट्रानिक डिवाइस मसलन टीवी, बल्ब, पंखा, एसी, कूलर, मिक्सी आदि को आन और आफ किया जा सकता है।
बुजुर्गाें को मिलेगी मदद
कुणाल ने अपने द्वारा तैयार कंपलिट ऑफलाइन होम ऑटोमेशन सिस्टम की कापीराइट भी ले ली है. इस आविष्कार से खासकर शारीरिक रूप से लाचार और बुजुर्गाें को काफी मदद मिल सकती है. इग्नू के द्वारा स्टूडेंट इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित होने पर उनके पिता कौशलेश अंबष्ट ने भी खुशी जाहिर की है और कहा कि इस सम्मान से उनको नई पहचान मिली है.